जहरीली शराब से मृतकों की संख्या हुई 31, BJP ने शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोपियों की रिहाई की मांग की

Poisonous Liquor Death Case In Bihar

बिहार पत्रिका डिजिटल Poisonous Liquor Death Case In Bihar : मोतिहारी/पटना। बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मांग करते हुए कहा कि जहरीली शराब के सेवन से जिन लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हुई हैं, बिहार सरकार को उन लोगों को मुआवजा देना चाहिए और राज्य के शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में जेल में बंद हजारों लोगों को रिहा करना चाहिए।

पार्टी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जहरीली शराब के पीड़ितों को मुआवजा देने पर ‘यू-टर्न’ लेते हुए शराब के सेवन से मरने वाले लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार की रात मोतिहारी में संदिग्ध जहरीली शराब के सेवन से पांच और लोगों की मौत होने के बाद मंगलवार को मृतक संख्या बढ़कर 31 हो गई। कम से कम नौ अन्य लोग जिले में विभिन्न निजी अस्पतालों में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा, ”शराबबंदी कानून के तहत माफिया को नहीं, केवल गरीबों को ही गिरफ्तार किया गया और दोषी ठहराया गया। शराब तस्करी के मामलों से जुड़े माफिया पर शायद ही कोई दोष साबित हो। सिर्फ एक दोषसिद्धि हुई है, जबकि 25000 से अधिक लोग जिनमें ज्यादातर गरीब हैं, जेल में हैं।”

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को आम माफी देनी चाहिए और आपराधिक मामले वापस लेने चाहिए। उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री को आम माफी देनी चाहिए और पुलिस द्वारा दर्ज किए गए निषेध कानूनों के उल्लंघन से संबंधित आपराधिक मामलों को वापस लेना चाहिए। शराबबंदी कानून के तहत 2016 से अब तक 3.61 लाख से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गई है जिनमें ज्यादातर शराब के सेवन को लेकर हैं। इन प्राथमिकी को वापस लिया जाना चाहिए।”

सुशील ने कहा, ”हमारा मानना है कि 2016 से राज्य में जहरीली शराब की अलग अलग घटनाओं में अब तक 500 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सभी 500 लोगों के परिवार के सदस्यों को चार-चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए।” बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। जहरीली शराब कांड के पीड़ितों को मुआवजा देने के मामले में ‘यू-टर्न’ लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2016 के बाद से जहरीली शराब पीने से मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की सोमवार को घोषणा की थी।

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के जहरीली शराब पीड़ितों को पूर्व में मुआवजा देने से इनकार करने और बाद में इस पर ‘यू-टर्न’ लेने पर सुशील ने कहा, ”यह सब भाजपा की वजह से हुआ। हम शुरू से ही जहरीली शराब के पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। नीतीश कुमार भाजपा की मांग के आगे झुक गए हैं।”

भाजपा सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री को दूसरों की दुर्दशा भी देखनी चाहिए, जिनकी मौत तो नहीं हुई लेकिन इसके कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं हुईं जैसे कि उनकी आंखों की रोशनी चली गई। इस बीच, प्रशासन ने मद्यनिषेध विभाग के सात अधिकारियों को नोटिस जारी कर मोतिहारी जिले में जहरीली शराब कांड के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।

एक अधिकारी ने कहा कि मोतिहारी के तुरकौलिया, हरसिद्धि, सुगौली, रघुनाथपुर और पहाड़पुर के थाना प्रभारी अधिकारियों को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है, जहां 15 अप्रैल को कथित तौर पर अवैध शराब के सेवन से लोगों की मौत की सूचना मिली थी। इसके अलावा नौ ‘चौकीदारों’ सहित 11 और पुलिसकर्मियों के खिलाफ पहले ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी है। मोतिहारी के विभिन्न हिस्सों में 15 अप्रैल से अब तक 600 से अधिक स्थानों पर तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकली शराब और अन्य संबंधित रसायनों को जब्त किया गया है।

Leave a Comment

ट्रेंडिंग खबर

आपकी राय

[democracy id="1"]

today rashifal

Our Visitor

028950
Users Today : 32
Users Yesterday : 31