बिहार पत्रिका डिजिटल, Glory of Khatushyam: बाबा श्री खाटूश्याम के प्रति लोगो की आस्था अपार है। पुरे साल बाबा के दरबार में भक्तो का जमावड़ा लगा रहता है और लाखो के तादात में श्रद्धालु खाटूश्याम के दर्शन की आस लिए आते है।
रेवाड़ी के लोगो की भी आस्था श्री खाटूश्याम धाम पर अपार बनी हुई है। क्या आप ये जानते है श्री खाटूश्याम धाम और रेवाड़ी के लोगो का पुराना नाता है क्योकि कई साल पहले रेवाड़ी में श्याम बाबा का सबसे पहला परम भक्त रहा करता था, आइए जानते है पूरी कहानी क्या है।
रेवाड़ी के रहने वाले श्याम बहादुर अग्रवाल श्री खाटू श्याम के सबसे पहके परम भक्त माने जाते है, श्याम बहादुर अग्रवाल के भक्ति के चर्चे दूर-दूर तक फैले हुए है। श्याम बहादुर अग्रवाल गांव-गांव जा कर श्री खाटूश्याम धाम का प्रचार थे। एक बार सावंत 1977 में श्याम बहादुर अपने मित्रो के साथ श्याम बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे दिन फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष द्वादशी का था, उस दिन तत्कालीन राजा के आदेश से श्याम बाबा के मंदिर के कपाट बंद थे।
श्याम बहादुर अग्रवाल ने वहा मौजूद सैनिको से कई बार अनुरोध किया, की वे उन्हें श्याम बाबा के दर्शन करने दे बहुत निवेदन करने के बाद भी सैनिक नहीं माने, निराश हो कर श्याम बहादुर ने हाथ में रखे मोर पंख को मंदिर में लगे ताले पर मारा और भक्त की भक्ति का चमत्कार ऐसा हुआ की ताला कई टुकड़ो में टूट कर भिखर गया। इस घटना के बाद ही श्याम बाबा के प्रति लोगो की आस्था और भी बढ़ने लगी और श्याम बहादुर अग्रवाल को श्याम बाबा का पहला परम भक्त कहा जाने लगा।