Khagaria Breaking News: रानी सती दादी मां का हुआ भव्य श्रृंगार, कलकत्ता की भजन मंडली से भजन सुन झूम उठी महिलाएं

भजन संध्या का आकर्षण बनी सुसज्जित झांकियां व भाव नृत्य 

बिहार पत्रिका डिजिटल, खगड़िया (बिहार)। श्री दादी भक्त मंडल के तत्वावधान में दादी मां की पूजा अर्चना की गई। सैकड़ों महिलाओं ने सर्व सुहागन के लिए मां के मंगल पाठ में हिस्सा लिया। भजन संध्या का भी आयोजन किया गया, जिसमें श्याम अग्रवाल, कोलकाता की भजन मंडली ने एक से बढ़ कर एक भजन से श्रद्धालुओं का मन मुग्ध कर लिया।

महिलाएं रानी सती दादी मां की गीतों पर नाचती झूमती नज़र आई। आकर्षक झांकियां भी प्रदर्शित की गई। जमालपुर गोगरी से भी भक्त यहां पहुंचे, जिनमें कैलाश केजरीवाल प्रमुख हैं। जय दादी, जय दादी के उद्घोष से हॉल गूंज उठा। भ्रूण हत्या रोकने से संबंधित गीत पर महिलाएं झूम उठी। रानी सती दादी मां का इतिहास द्वापर युग से जुड़ा हुआ है।

महाभारत युद्ध के दौरान जब अभिमन्यु की मृत्यु हो गई थी, तब उसकी पत्नी और राजा विराट की पुत्री उत्तरा अपने सेवक राणा के साथ रणभूमि पहुंची थी। रानी उत्तरा अपने पति अभिमन्यु के मृत शरीर के साथ सती होना चाहती थी। इस कारण उन्होंने अपने सेवक राणा को जंगल में लकड़ियां चुनने को भेजा। स्वयं वासुदेव कृष्ण ने चिता में अग्नि प्रज्वलित की थी।

मरने से पहले उत्तरा ने अपने सेवक राणा से कहा था कि उनकी चिता के राख को लेकर घोड़े से कूच करें और जहां, जिस जगह उनका घोड़ा रुके वहीं पर त्रिशूल रूप में उनका मंदिर बनवा दें, सेवक राणा की भक्ति से प्रसन्न होकर ही उत्तरा ने मंदिर का नाम रानी सती रखने का आदेश दिया था। राजस्थान के झुंझुनू में शहर के बीचों-बीच रानी सती मंदिर स्थित है। यह देश के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के अलावा भारत के सबसे अमीर मंदिरों में भी शुमार है।

रानी सती दादी मां मारवाड़ी समाज की कुल देवी भी मानी जाती हैं। राजस्थान के झूंझूंनू में स्थित मुख्य मंदिर बाहर से देखने पर किसी राजमहल जैसा दिखाई पड़ता है। पूरा मंदिर संगमरमर से बना हुआ है। इसकी बाहरी दीवारों पर शानदार रंगीन चित्रकारी की गई है। रानी सती का यह मंदिर सम्मान, ममता और स्त्री शक्ति का प्रतीक है।

उक्त अवसर पर उपस्थित थे कैलाश केजरीवाल, राजेश बजाज, दीपक मोटानी, त्रिभुवन केडिया, प्रमोद केडिया, राजेश बजाज (अध्यक्ष), प्रशांत खंडेलिया, संदीप केडिया, गणेश अग्रवाल, संगीता बजाज, आयूष नरनोलिया, कन्हैया टेकड़ीवाल, इंदल बजाज, इंदराज कोठारी, पद्म जगनानी, संजय पालड़ीवाल, विजय बजाज तथा रघु बजाज आदि। अध्यक्ष राजेश बजाज, सचिव सुरेश केजरीवाल तथा संयोजक दुर्गा सर्राफ एवं उनकी कमिटी के सभी सदस्यों की सहभागिता काफी सराहनीय रही। प्रसाद वितरण के साथ साथ भंडारा का भी आयोजन किया गया।

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