Bihar News, पटना। नीतीश सरकार के कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई निर्णयों में एक था पंचायत प्रतिनिधियों को लेकर। पंचायत सरकार में कोई भी विकास का कार्य टेंडर के आधार पर ही होगा। इस निर्णय से सूबे के पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की।
जानकारी मिलते ही बिहार सरकार के राजस्व मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल पहले भाजपा कोटे से कैबिनेट मंत्री हैं जो सबसे पहले आगे आए और स्वीकार किया कि पंचायती राज व्यवस्था हेतु कैबिनेट में इससे संबंधित त्रुटि हुई है, जिसे मुख्य मंत्री तक बातें पंहुचा दी गई है। शीघ्र ही इसकी समीक्षा होगी।
मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने कहा किसी भी कीमत पर पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार का हनन नहीं होगा, एनडीए की सरकार में। सनद रहे, विगत शुक्रवार को नीतीश सरकार के फैसले से मुखिया और वार्ड सदस्यों के अधिकारों में कटौती हो जायेगी। अबतक पंचायतों में होने वाले विलास कार्यों में तीन स्तरीय पंचायत के कर्मचारियों को अभिकर्ता बनाया जाता था और कराए गए कार्यों के लिए राशि का भुगतान मुखिया, पंचायत सचिव, प्रमुख, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के स्वीकृति से किया जाता था।
अब, नए फैसले के बाद 15 लख से कम राशि वाले विकास कार्य के लिए भी टेंडर जरुरी हो गया है। इसका विरोध पूरे बिहार में शुरु हो गया। इतना ही नहीं नए फैसले के अनुसार एक अभिकर्ता को किसी एक वित्तीय वर्ष में एक साथ अधिकतम दो कार्य हाई दिए जायेंगे।
रिपोर्ट – ANA/Arvind Verma