बिहार पत्रिका डिजिटल, राजगीर । Vaibhargiri forest fire: सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को राजगीर पहुंचकर वैभारगिरि पर्वत श्रृंखला पर लगी आग से हुए नुकसान और आग पर काबू पाने के बाद की स्थिति की समीक्षा की। दरअसल, राजगीर में पिछले दिनों वैभारगिरि पर्वत श्रृंखला के करीब तीन किलोमीटर के क्षेत्र में आग लगने की वजह से दुर्लभ जड़ी बूटियों के भंडार को नुकसान हुआ था। आगजनी की इस घटना में पर्वत पर करीब 48 घंटे तक आग की लपटें उठती दिखती रही थीं। ऐतिहासिक और धरोहर के रूप में प्रसिद्ध इस पर्वत श्रृंखला पर लगी आग के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश लगातार अधिकारियों से इसकी जानकारी ले रहे थे। राहत एवं बचाव कार्य होने के बाद मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश खुद राजगीर पहुंचे।
मुख्यमंत्री के साथ बैठक में वरीय अधिकारियों ने आग से हुए नुकसान और स्थिति पर काबू करने के बाद मौजूदा स्थिति को लेकर पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने पेश की । यहां 16 अप्रैल को पहली बार आग की लपटें उठी और उसके बाद आग का भीषण रूप अगले 48 घंटों तक देखा गया। दुर्लभ जड़ी बूटियों का भंडार होने के कारण इस आगजनी की घटना से भारी नुकसान होने की संभावना है।
पेड़-पौधों के जलने की बदबू पूरे राजगीर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी फैल गई है। नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, वन प्रमंडल पदाधिकारी नालंदा विकास अहलावत और जू सफारी राजगीर के निदेशक हेमंत पाटिल खुद कैंप कर स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। गुरुवार को नीतीश भी वहां पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की है। आग की ऐसी घटना कैसे रुके उस पर भी उन्होंने ठोस रणनीति बनाने का सुझाव दिया।
वैभारगिरि पर्वत श्रृंखला एक प्रमुख धार्मिक स्थल भी है। वैभारगिरि पर छह जैन मंदिर है। इसमें श्री पार्श्वनाथ भगवान, श्री महावीर स्वामी, श्री मुनिसुब्रत स्वामी, श्री बासुपूज्य भगवान, श्री धन्नाशाली भद्र एवं श्री गौतम स्वामी जी का मंदिर है। मान्यता है कि तीर्थंकर भगवान श्री महावीर ने चौदह चातुर्मास इस राजगीर नगरी में किये थे। ऐसे में यह पर्वत श्रृंखला एक प्रमुख धार्मिक स्थल भी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश एक दिन पहले ही राजगीर जाने वाले थे लेकिन भीषण गर्मी के कारण उन्होंने अपना दौरा एक दिन के लिए टाल दिया था।