EC Notice to Chapra Mayor
बिहार पत्रिका डिजिटल, बिहार के छपरा के महिला मेयर की कुर्सी उनके बच्चों से की वजह से खतरे में नजर आ रही है। मेयर राखी गुप्ता के 3 संतान होने वाला मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बार राज्य चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। मेयर को अपने वकील के साथ आकर जवाब देने के लिए कहा है।
छपरा की वर्तमान मेयर राखी गुप्ता के तीन संतान होने वाला मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। राज्य चुनाव आयोग द्वारा 4 मई को उपस्थित होने का आखिरी नोटिस दिया है। इससे पहले भी आयोग ने उन्हें कई बार बुलाया है।
तीन बच्चा होेने का है आरोप
पूर्व मेयर सुनीता देवी ने वर्तमान मेयर राखी गुप्ता पर तीन बच्चा होने का आरोप लगाया गया है। आरोप में कहा गया है कि मेयर राखी गुप्ता के तीन संतान होने के बावजूद उन्होंने अपने शपथ पत्र और नामांकन फॉर्म में गलत जानकारी दी है। राखी गुप्ता के तीन संतानों के नाम श्रीयांशी प्रकाश (14 वर्ष), शिवंशी प्रकाश (9 वर्ष) और श्रीश प्रकाश (6 वर्ष) है। 2008 के बाद उन्हें ये तीन संतानें हुई हैं, लेकिन अपने नामांकन में उन्होंने सिर्फ दो के बारे में ही जानकारी दी।
वहीं, आरोप को लेकर मेयर राखी गुप्ता का कहना है कि उनके पति वरुण प्रकाश के मौसा ठाकुर प्रसाद और मौसी उर्मिला शर्मा निसंतान है। दोनों की अधिक उम्र होने के कारण संतान होने की संभावना भी नहीं है। ऐसे में उन्होंने पति की रजामंदी के बाद अपने तीसरे संतान श्रीश प्रकाश (6 वर्ष) को गोद देने का फैसला लिया। इसलिए वह अपने ऊपर लग रहे आरोप को निराधार बता रही हैं।
इसको लेकर तत्कालीन निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को शिकायत भी किया गया था, लेकिन पुख्ता प्रमाण नहीं होने से कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
मेयर राखी गुप्ता के चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद एक बच्चे को अपने रिश्तेदार को गोद दिए जाने का निबंधन पत्र वायरल होने लगा। इसमें साफ जिक्र किया गया है कि राखी गुप्ता को पूर्व से दो बच्चियां हैं और तीसरे बच्चा होने के बाद वह अपने रिश्तेदार को गोद दे रही हैं। इसको लेकर पूर्व मेयर सुनीता देवी ने चुनाव आयोग में शिकायत किया। इसके बाद चुनाव आयोग द्वारा सारे कागजात को स्थानीय जिलाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी से सत्यापित करवाया गया। इसमें दोनों पदाधिकारी द्वारा चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंप दिया गया है।
क्या कहता है नियम
चुनाव आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए दो बच्चों का नियम जारी करते हुए निर्देशित दिया था। बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 (1) (ड) के अनुसार 4 अप्रैल 2008 के बाद से तीसरे संतान का जन्म होने वाले उम्मीदवार चुनाव के लिए अयोग्य होंगे।