Toor Dal Price: अरहर और उड़द दाल की बढ़ती कीमत को लेकर सरकार ने उठाया सख्त कदम, लोगों को होगा फायदा

बिहार पत्रिका डिजिटल, Toor Dal Price: पिछले कुछ समय से दाल की कीमतों में उछाल देखी जा रही है। खासकर अरहर और उड़द जैसे दालों के दाम बढ़ रहे हैं। अब इनकी बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने एक खास कदम उठाया है। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इससे आम लोगों को फायदा पहुंचेगा।

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ही थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, आयातकों और मिलरों के पास अक्टूबर तक के लिए रखी अरहर और उड़द दाल पर स्टॉक सीमा लगाई है। इसका मतलब है कि जमाखोरी कम होगी, जिस कारण अरहर और उड़द के दाम में गिरावट आ सकती है या फिर दाम स्थिर रह सकते हैं।

अरहर और उड़द के कितने बढ़े दाम

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय की ओर से जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल प्रभाव से इस संबंध में आदेश जारी किया गया। बता दें कि शुक्रवार को अरहर का एवरेज रिटेल प्राइस 19 फीसदी बढ़कर 122.68 रुपये प्रति किग्रा, जो एक साल पहले 103.25 रुपये प्रति किलो था। वहीं उड़द का एवरेज रिटेल प्राइस 105.05 रुपये से 5.26 प्रतिशत बढ़कर 110.58 रुपये प्रति किलो हो चुका है।

रिटेल सेलर्स के लिए स्टॉक लिमिट

पीटीआई भाषा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक अरहर और उड़द के लिए स्टॉक सीमा तय की गई है। आदेश के अनुसार, थोक विक्रेताओं के लिए तूर और उड़द की स्टॉक सीमा 200 टन, खुदरा विक्रेताओं और रिटेल शॉपर्स के लिए पांच टन और बड़े रिटेल विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 टन की स्टॉक लिमिट तय की गई है। 

पोर्टल पर स्टॉक लिमिट अपलोड करने को कहा

एक अधिकारिक बयान में कहा गया है कि मिलरों के मामले में स्टॉक सीमा उत्पादन के अंतिम तीन महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत होगा। जबकि आयातकों को सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 30 दिनों से अधिक स्टॉक रखने की अनुमति नहीं है। मंत्रालय ने उपभोक्ता मामलों के विभाग पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर स्टॉक लिमिट की स्थिति अपलोड करने के लिए कहा है।

दालों का उत्पादन घटने का अनुमान

कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सत्र 2022-23 जुलाई-जून में देश का अरहर उत्पादन पिछले वर्ष के 4.22 मिलियन टन के मुकाबले कम होकर 3.43 मिलियन टन रहने का अनुमान है। वहीं उड़द का उत्पादन 2.77 मिलियन टन से घटकर 2.61 मिलियन टन रहने का अनुमान है।

 

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