दिल्ली एवं प्रयागराज स्थित IAS Coaching सेंटर Sanskriti IAS इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि हाल ही में भोजपुरी लोकगायिका और “का-बा गर्ल” के नाम से मशहूर नेहा सिंह राठौड़ ने अपने YouTube चैनल पर संस्कृति IAS के संस्थापक और IAS कोचिंग एक्सपर्ट अखिल मूर्ति के साथ एक इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू के बाद से ही UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों में सनसनी बने हुए है। इंटरव्यू में अखिल मूर्ति ने अपने पूर्व संसथान दृष्टि आईएएस पर कुछ खुलासे किए हैं। अपने इस इंटरव्यू में अखिल मूर्ति ने खुलासा करते हुए कहा है कि कैसे दिल्ली के बड़े UPSC संस्थान उन लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं जो गांव देहात से अपने आईएएस बनने का सपना लिए दिल्ली आते हैं। ताकि वे किसी मशहूर शिक्षक से शिक्षा ग्रहण कर सकें जो कि सोशल मीडिया पर बेहद प्रसिद्ध हैं। लेकिन यहां आकर उन्हें धोखा मिलता है और वे उन बड़े शिक्षकों से बातचीत तक से वंचित रहते हैं।
अखिल मूर्ति के इस इंटरव्यू के बाद से ही सोशल मीडिया पर UPSC उम्मीदवारों से मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। लाखों UPSC के विद्यार्थी इस बात पर उनके साथ बने हुए हैं कि उनकी बात में दम हैं क्योंकि शहर में बड़े संस्थान देहात से आने वाले छात्रों से लाखों रुपए तो लेते हैं लेकिन उनपर उतना ध्यान नहीं देते हैं।
संस्कृति आईएएस पर आयोजित इस इंटरव्यू में नेहा सिंह राठौड़ ने नामी UPSC संस्थानों द्वारा चुनिंदा शिक्षकों के नाम पर विद्यार्थियों से वसूले जा रहे लाखों पैसों पर कोचिंग व्यवस्था की पोल खोल कर दी है।
क्या है Sanskriti IAS?
गौरतलब हैं कि संस्कृति IAS की स्थापना अखिल मूर्ति ने की है। अखिल मूर्ति पहले दिल्ली के दृष्टि आईएएस का हिस्सा थे। उनका कहना है कि उनका दृष्टि आईएएस से अलग होने के पीछे का मूल कारण कि वे छात्रों के साथ धोखा नहीं करना चाहते थे। अखिल मूर्ति का कहना है कि संस्कृति आईएएस की स्थापना का मूल उद्देश्य यही है। वे संस्कृति के जरिए IAS कोचिंग लेने वाली सभी छात्रों को एक बढ़िया परिवेश देना चाहते हैं। ताकि वे अपने कक्षा कार्यक्रम, अध्ययन-सामग्री और जाँच परीक्षाओं के माध्यम से परीक्षा के लिये सर्वश्रेष्ठ रूप से तैयार कर सकें।
IAS Coaching के लिए संस्कृति IAS क्यों है ख़ास?
दरअसल संस्कृति आईएएस चर्चा में इसलिए है क्योंकि यहां वे तमाम शिक्षक मौजूद हैं जो पहले दृष्टि आईएएस में काम करते थे। यहां के तमाम शिक्षक अपने कक्षा में विद्यार्थियों के साथ बातचीत करते हुए विस्तार से हर विषय को समझाते हैं और सभी संदेह दूर करते हैं। संस्थान में प्रोजेक्टर जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है जिनके माध्यम से शिक्षक हर विषय से सम्बंधित वीडियो, स्लाइड्स तथा फिल्मों को दिखाकर विद्यार्थियों को सही घटनाओं, अवधारणाओं और सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से समझाते हैं।