बिहार पत्रिका। अमित कुमार झा
बांका। बिहार। जिलांतर्गत स्वास्थ्य सुविधा सुधारने के लिए एक ओर जहां पूरा जिला प्रशासन तत्पर है, वहीं दूसरी ओर अमरपुर रेफरल अस्पताल में उपलब्ध दवा भी मरीजों को नहीं मिल पाती है तथा उन्हें बाजार की दुकानों से दवाई खरीदने को मजबूर किया जाता है।
हुआ यूं कि सोमवार की रात में जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह अस्पताल के औचक निरीक्षण में पहुंचे। उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किये तथा कार्यालय में बैठकर समीक्षा कर रहे थे। तभी अचानक वार्ड में मरीजों द्वारा हो हल्ला किया जाने लगा।
अमरपुर बनहरा के मरीज नागेश्वर पासवान शोर मचाकर मरीज का इलाज सही ढ़ंग से नहीं करने तथा अस्पताल से दवा नहीं मिलने की बात कह रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें दस्त शुरू हो गए, शाम में वह अस्पताल आए लेकिन कोई डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आए। स्वास्थ्यकर्मियों ने उनका इलाज शुरू किया
करीब दस बजे रात में जब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तब उन्होंने डॉक्टर को बुलाने की मांग की। अस्पताल में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के रहने के बावजूद किसी डॉक्टर ने उनकी सुध नहीं ली। काफी देर बाद एक डॉक्टर आये तथा उनका इलाज करने के बजाय कहा कि उनकी बीमारी का कोई इलाज नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाई भी उन्हें अस्पताल से नहीं मिली,
इस वजह से उन्हें बाजार से दवाई खरीदने को मजबूर होना पड़ा। मरीज द्वारा हल्ला मचाने पर डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह वहां पंहुचे, रोगी ने उन्हें आपबीती सुनाई। इधर बरमसिया गांव के मुरारी शर्मा की पत्नी कल्पना देवी को भी दस्त होने की शिकायत थी। वह उन्हें लेकर अस्पताल आए जहां उनका इलाज शुरू किया गया लेकिन उन्हें भी बाजार से ही दवाई खरीदनी पड़ी। जबकि अमरपुर के वार्ड नंबर-06 की नविता देवी कमर एवं पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल आईं थीं,
महिला मरीज की पुत्रवधू शिम्पी सिन्हा ने बताया कि डॉक्टर ने उनकी सास का इलाज किया लेकिन उनके द्वारा लिखी गई दवाई उन्हें नहीं दी गई। उन्होंने भी रात में बाजार की दुकान से दवाई खरीदी तब उनका इलाज शुरू किया। सभी मरीजों ने इसकी शिकायत डीपीएम से की।
उन्होंने सभी का बयान कलमबद्ध किया तथा इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को देने की बात कही। इस संबंध में जब डीपीएम से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।