बिहार पत्रिका। अमित कुमार झा
भागलपुर। बिहार। सिल्क सिटी भागलपुर जिलांतर्गत मायागंज अस्पताल में खून की दलाली बड़े पैमाने पर चल रही है। अस्पताल परिसर में खून की खरीद-बिक्री के लिए सुबह से ही दलालों का जमावड़ा लगा हुआ रहता है। कई लोगों को आपातकालीन स्थिति में इनकी मदद से ही रक्त लेना पड़ रहा है।
दलालों की गतिविधियों पर अस्पताल प्रबंधन ने आंखें मूंद ली हैं, वहीं स्थानीय प्रशासन भी मौन है। इससे आम जनता के प्रति नकारात्मक एवं ढुलमुल रवैया पैदा हो गया है। खून के दलाल को एक बार खून देने पर 2500 रु. मिलता है, इसी लालच में कई लोग हर 2 महीने में अपना खून बेचने अस्पताल पहुंचते हैं।
इस बावत तीन खून खरीदने और बेचने वाले बरारी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। उनकी पहचान मोहम्मद हारुन अंसारी, रोहित कुमार और मोहम्मद आसिफ के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए तीनों ने कबूल किया कि वे दलाल के चक्कर में फंस गए थे, उन्हें खून के बदले 2500 रु.देने की बात दलाल ने कही थी, लेकिन घटना के बाद से ही रक्त के दलाल मौके से फरार हो गया है। वहीं पुलिस अब दलाल की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी में जुट गयी है।