बिहार पत्रिका। अमित कुमार झा sawan special
हजारों सालों से विज्ञान ‘शिव’ के अस्तित्व को समझने का प्रयास कर रहा है। जब भौतिकता का मोह खत्म हो जाए और ऐसी स्थिति आए कि ज्ञानेंद्रियां भी बेकाम हो जाएं, उस स्थिति में शून्य आकार लेता है, और जब शून्य भी अस्तित्वहीन हो जाए तो वहां शिव का प्राकट्य होता है।
शिव यानि शून्य से परे। जब कोई व्यक्ति भौतिक जीवन को त्याग कर सच्चे मन से मनन करे तो शिव की प्राप्ति होती है। उन्हें एकाकार और अलौकिक शिव देवों के देव महादेव का प्रिय महीना सावन का है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निर्देशक ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीश व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। सावन में भगवान शिव की आराधना की जाती है।
सावन के सभी सोमवार का अपना महत्व होता है। मान्यता है कि सावन मास में भोलेनाथ की आराधना करने से सुख- शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्याएं इस दौरान सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए सावन में पूजा- अर्चना करती है। ज्योतिषाचार्य डॉ० अनीष व्यास ने बताया कि सावन का महीना और चारों ओर हरियाली।
भारतीय वातावरण में इससे अच्छा कोई और मौसम नहीं बताया गया है। जुलाई में आने वाले इस मौसम में ना बहुत अधिक गर्मी होती है और ना ही बहुत ज्यादा सर्दी। वातावरण को अगर एक बार को भूला भी दिया जाए, किंतु अपने आध्यात्मिक पहलू के कारण सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है।
सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित रहता है। इस माह में विधिपूर्वक शिवजी की आराधना करने से मनुष्य को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। इस माह में भगवान शिव के ‘रुद्राभिषेक’ का विशेष महत्व है।
इसलिए इस माह में खासतौर पर सोमवार के दिन ‘रुद्राभिषेक’ करने से शिव भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है। अभिषेक कराने के बाद बेलपत्र, शमीपत्र, कुशा तथा दूध आदि से शिवजी को प्रसन्न करते हैं और अंत में भांग- धतूरा तथा श्रीफल भोलेनाथ को भोग के रूप में समर्पित किया जाता है।