धौनी को बी श्रेणी का दर्जा एवं विभिन्न ट्रेनों के ठहराव की मांग
बिहार पत्रिका। प्रीतम कुमार राव Bihar Breaking News:
बांका। बिहार। भागलपुर-मंदारहिल रेलखंड पर अवस्थित ब्रिटिशकालीन धौनी रेलवे स्टेशन पर विभिन्न मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर बुधवार से रेल संघर्ष समिति धौनी के बैनर तले प्रखंड के कई गांवों के ग्रामीण स्टेशन परिसर पर ही पांच सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं। धरना पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि रेल विभाग सहित जन-प्रतिनिधियों के सौतेलापन से खिन्न होकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
रेल संघर्ष समिति धौनी के अध्यक्ष सिकंदर प्रसाद यादव, सत्यनारायण सिंह, प्रमोद सिंह वेल्डन आदि ने बताया कि मालदा डिवीजन के डीआरएम सहित कई जन-प्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद भी इस स्टेशन के प्रति विभाग पूरी तरह उदासीन बनी हुई है। बता दें कि रेल संघर्ष समिति धौनी के 5 सूत्री मांगों में इस रूट होकर चलने वाली कविगुरु एक्सप्रेस, गोड्डा-नई दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस, गोड्डा-रांची एक्सप्रेस, गोड्डा-टाटा एक्सप्रेस, अगरतला-देवघर एक्सप्रेस आदि ट्रेनों की ठहराव करने, ब्रिटिशकालीन रेलवे स्टेशन धौनी को बी श्रेणी स्टेशन का दर्जा देते हुए कंप्यूटरीकृत आरक्षण काउंटर बनाने, हाॅल्ट को पूर्व की तरह स्टेशन का दर्जा देने, धौनी स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या- 02 से स्टेशन पर आने के लिए रास्ता बनाने आदि मांगे शामिल हैं।
धरना पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि अंग्रेज के जमाने के इस स्टेशन को पहले बी श्रेणी का दर्जा प्राप्त था, इस स्टेशन की जमीन पर दर्जनों स्टाफ क्वार्टर भी बने हुए हैं, जो अब खंडहर बन चुके हैं। यहां स्टेशन मास्टर सहित कई कर्मचारी भी कार्यरत हैं। इस स्टेशन पर करीब एक किलोमीटर लंबा प्लेटफार्म दोनों तरफ बना हुआ है, यहां ट्रेनों का क्रॉसिंग भी होता है। भागलपुर से 26 किलोमीटर दूर अवस्थित इस रेलवे स्टेशन पर सभी एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव होने से रेल विभाग को न केवल राजस्व की प्राप्ति होगी, बल्कि इससे रजौन, धोरैया व अमरपुर प्रखंड के करीब दो लाख से भी अधिक लोगों को सुलभ यातायात की सुविधा भी मुहैया हो सकेगी।
इधर धरना पर बैठे लोगों का कहना है कि जब तक रेल प्रशासन उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करती है तब तक आंदोलन लगातार जारी रहेगा। इस दौरान गणेश शर्मा, प्रदीप शर्मा, धनंजय कुमार चौधरी, प्रदीप साह, संजीव कुमार सिंह, निरंजन प्रसाद सिंह, भरत स्वर्णकार, गोपाल सिंह, अशोक साह, मंदारेश्वर कुमार मंटू, लक्ष्मी साह, हिमांशु कुमार, अवधेश कुमार सहित करीब एक दर्जन से भी अधिक गांवों के सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।