बिहार पत्रिका। अमित कुमार झा Bihar Breaking News
भागलपुर। बिहार। सिल्क सिटी भागलपुर जिलांतर्गत सुल्तानगंज के पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा तट से कांवरिया गंगाजल भरकर देवघर रवाना हुए। गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। गंगा घाट से कांवरिया पथ पर बोलबम के गूंज से माहौल शिवमय बना रहा।
सरकारी आंकड़ा के अनुसार 938 डाकबम में नौ महिलाओं ने डाकजल लेकर बाबाधाम रवाना हुए। हजारों कांवरिया वाहन से बाबाधाम को जा रहे हैं। सुल्तानगंज पूरी तरह बाबा की भक्ति में लीन हो गया है। अब दिन- रात का अंतर मिट चुका है। स्थानीय लोग कांवरियों के स्वागत में तत्पर हैं।
उत्साह के साथ कांवरिया बोलबम का जयकारा लगाते बाबाधाम प्रस्थान कर रहे हैं। पूरा कांवरिया पथ केसरिया मय हो गया है। कांवरियों के बोलबम की गूंज से गंगाधाम शिवमय हो चुका है। शिव पालन, सृजन व संहार के हैं देवता:- शिव संसार के सृजन, पालन और संहार के देवता है। शिव को मनाना काफी आसान है। बाबा बैद्यनाथ मनोकामना लिंग है। एक बूंद गंगाजल से बाबा प्रसन्न हो जाते हैं।
बाबाधाम की यात्रा से सालों भर सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। कांवरिया लक्ष्मी कुमारी, पंकज कुमार, राधिका देवी, अंजनी देवी, मुनीलाल सिंह, मृत्युंजय कुमार, मोनिका कुमारी, राधिका कुमारी आदि ने बताया कि शिव की पूजा काफी आसान है। शिव की आराधना से कभी कोई काम अधूरा नहीं रहता है।
शिव ने ही रावण को ज्ञान दिया था। रावण महापंडित होने के बाद भी शिव की तपस्या में लीन रहता था। भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया था कि मैं लंका जाऊंगा, लेकिन एक शर्त है कि मुझे कहीं रखना नहीं है। जहां रख दोगे वहां से मैं आगे नहीं जाऊंगा। शर्त के मुताबिक भगवान शिव देवघर में विराजमान हो गये। हर भक्तों की मनोकामना बाबा बैद्यनाथ पूरी करते हैं। हर दिन भारत के हर कोने से कांवरियों का आगमन सुल्तानगंज में होता है, प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त- दुरुस्त है।
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने भी कांवरियों की सुविधा को लेकर सभी विभाग के अधिकारियों को विशेष तौर पर निर्देशित कर चुके हैं। मेला में ड्यूटी में आने वाले कर्मी को भी जिलाधिकारी ने सेवाभाव से कांवरियों की सेवा में ड्यूटी करने का निर्देश दिया है।