गुरु- शिष्या के संबंध की दो घटनाओं से चर्चा का विषय
Bihar News, दैनिक बिहार पत्रिका। अमित कुमार झा बांका। बिहार। जिलांतर्गत शंभुगंज प्रखंड क्षेत्र के पड़रिया में सुर्खियों में रहे प्राइवेट शिक्षक और शिष्या की प्रेम कहानी का अंत देर रात हो गया। समाजिक दवाब और स्वजनों के खींचातानी के बीच पहलानपुर शिवमंदिर में शिक्षक रुपेश कुमार और प्रेमिका आंचल कुमारी की शादी कराया गया।
शादी के बाद जब रुपेश नवविवाहिता पत्नी को लेकर घर पहुंचे तो स्वजनों का विरोध शुरू हो गया। स्वजनों ने घर के अंदर घुसने से मना कर दिया, जिस कारण रातभर नवदंपती को घर से बाहर रहना पड़ा। इस दौरान अर्जुन गुप्ता के घर लोगों का माजमा लगा रहा। लोगों में तरह- तरह की चर्चाएं होने लगी, अंततः बुद्धिजीवियों के समझाने पर अगले दिन स्वजन शांत हुए। सरपंच प्रतिनिधि मनोज कुमार ने बताया कि शिवमंदिर में दोनों की रजामंदी से शादी हुई।
ज्ञात हो कि रूपेश कुमार गांव में ट्यूशन पढ़ाने का काम करता है, इस दौरान शिक्षक ने आंचल को प्रेम जाल में फंसा लिया फिर शादी का झांसा देकर कई माह तक यौन शोषण किया। जब छात्रा गर्भवती हो गई तो इसकी जानकारी प्रेमी रुपेश को दी। इस पर रुपेश ने पहले तो कैरियर संवारने का हवाला दिया और गर्भपात कराने पर बल देने लगा फिर शादी करने से पीछे हटने लगा।
छात्रा ने भी गर्भ को पेट में पालने का फैसला लिया और इसकी शिकायत ग्राम कचहरी के सरपंच और मुखिया से की। इसको लेकर पहली पंचायत 17 मार्च को बैठायी गई, जिसमें पंचायत में इस घटना को काफी शर्मनाक बताया और शादी का फैसला सुनाया। दूसरी बैठक 23 मार्च को हुई, जिसमें रुपेश के स्वजन अंतर्जातीय विवाह की बात कह शादी से मुकरने लगा।
पंचायत के दवाब पर होली में रुपेश के एक भाई के दिल्ली से आने की बात पर शादी की सहमति दी। अंततः समाजिक विद्रोह के बाद 27 मार्च को शिव मंदिर में शादी हुई। जिसके गवाह शिव पार्वती के अलावा सैकड़ों ग्रामीण रहे। इस घटना के पांच दिन पूर्व पड़रिया गांव में एक और इस तरह की घटनाएं हुई। गांव के प्राइवेट शिक्षक निशांत कुमार ने छात्रा ज्योति कुमारी को प्रेमजाल में फंसाया, जब इसकी जानकारी ग्रामीणों और स्वजनों को हुई तो समाजिक विद्रोह शुरू हो गया।
विद्रोह को दरकिनार करते हुए निशांत और ज्योति ने रजामंदी से शादी कर ली। अंततः स्वजनों ने भी दोनों की शादी स्वीकार किया। इस तरह लगातार गुरू- शिष्या के संबंध की दो घटनाओं से क्षेत्र में चर्चा का विषय है। अब तो गांव के कई लोग अपने बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन भी पढ़ाने से कतराने लगे हैं।