Violence in Bengal: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के ऐलान होते ही राजनीतिक हिंसा शुरू हो गई थी। यह दौर मतदान के दौरान भी जारी रहा और चुनाव परिणाम आने के बाद भी जारी है। बता दें कि अब भी मतगणना पूरी नहीं हो पाई है। बुधवार सुबह दक्षिण 24 परगना में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और एक आईपीएस अधिकारी घायल हो गए। 8 जून के बाद से अब तक कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई है। चुनाव के दिन ही 18 लोग मारे गए थे।
पंचायत चुनाव में टीएमसी ने क्लीन स्वीप कर दिया है। सत्ताधारी दल ने भाजपा का काफी पीछे छोड़ दिया। पिछले चुनाव में भाजपा ने जहां जीत दर्ज की थी इस बार टीएमसी ने वहां भी परचम लहरा दिया। अब तक की जानकारी के मुताबिक टीएमसी 33 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायत की सीटें जीत चुकी है। वहीं भाजपा के खाते में 9 हजार सीटें आई हैं। कांग्रेस को ढाई हजार सीटें मिली हैं। 2018 में टीएमसी ने 48636 में से 38188 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
वहीं पंचायत समिति की 9730 सीटों में सी टीएमसी को 2612 सीटें हासिल हो गई हैं और भाजपा को महज 275 पर जीत मिली है। जिला परिषद की सीटों में भी टीएमसी का ही बोलबाला है। चुनाव के दिन भी बड़े स्तर पर हिंसा और बूथ कैप्चरिंग हुई थी। इसके बाद 10 जुलाई को 697 बूथों पर दोबारा वोटिंग करानी पड़ी।
दक्षिण 24 परगना के भांगोर में टीएमसी और आईएसएफ के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। इसके बाद क्रूड बम चले, गोलियां चलीं। पुलिस को भी रबर बुलेट से फायर करना पड़ा और आंसू गैस छोड़नी पड़ी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा एएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी घायल हो गए हैं। उन्हें भी गोली लग गई थी। बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि परिणाम के कम से कम 10 दिन बाद तक राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती रहे।